फंडामेंटल एनालिसिस: Expert की तरह करना सीखे।

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5 step एक्सपर्ट गाइड फंडामेंटल एनालिसिस के लिए .

दोस्तों आप अभी-अभी शेयर मार्किट के बारे में सुने हैं, और आप शेयर मार्किट सीखकर (शेयर मार्किट सीखे ) लाखो, और करोड़ रूपए कमाना चाहते हैं, पर आपको बता दें की यह तभी मुमकिन होगा जब आप एक अच्छे और सुरक्षित शेयर में निवेश करेंगे। निवेश दो तरह का होता हैं, लम्बे अवधि के लिए निवेश जिसमे आप शेयर को खरीद कर कई सालो के लिए रख लेते हैं , और दूसरा है कम समय के लिए निवेश जिसे हम ट्रेडिंग भी कहते हैं। (fundamental analysis in hindi)

एक अच्छा और सुरक्षित शेयर चुनने के लिए आपको फंडामेंटल एनालिसिस, टेक्निकल एनालिसिस के बारे में पता होना बहुत ही ज़रूरी हैं, आज हम इस लेख में 5 steps फंडामेंटल एनालिसिस करना सीखेंगे, और आपको बताएँगे की आप कैसे एक एक्सपर्ट की तरह फंडामेंटल एनालिसिस करके, एक मल्टीबैगर शेयर चुन सकते हैं।

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फंडामेंटल एनालिसिस क्या है?

फंडामेंटल एनालिसिस शेयर मार्किट में इस्तेमाल होने वाला एक तरीका हैं, जिससे कोई भी निवेशक किसी कंपनी के असली मूलय को समझ सकता हैं। इस तरह के एनालिसिस में कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट और उसके इंडस्ट्री के फैक्टर्स पर विशेष ध्यान दिया जाता हैं, जिससे सही निवेश के अवसर को पहचाना जा सके।

फंडामेंटल एनालिसिस क्यों किया जाता हैं ?

दोस्तों, किसि भी कंपनी में निवेश से पहले फंडामेंटल एनालिसिस करना बहुत ही जरूरी होता हैं, किसी भी कंपनी के असली मूलय को समझने के लिए, और एक सही निवेश निर्णय लेने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस किया जाता हैं। निचे दिए गए कुछ कारन हैं, जो आपको बताएगा की फंडामेंटल एनालिसिस क्यों करना चाहिए:

  1. सही निवेश निर्णय ले सकते हैं।
  2. मल्टीबैगर स्टॉक चुन सकते हैं।
  3. कंपनी का असली मूलय निकाल सकते हैं।
  4. कंपनी के बिज़नेस को समझ पाएंगे।
  5. मोनोपोली स्टॉक चुन पाएंगे।

फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करे?

किसी भी कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए, पहले कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट को पढ़े, फिर कंपनी के इंडस्ट्री को देखे, अंत में अन्य इंडीकेटर्स को देखे, इस तरह से आप एक कंपनी के असली मूलय को समझकर निवेश निर्णय ले सकते हैं।

आपको बता दें की बहुत से निवेशक फंडामेंटल एनालिसिस मतलब सिर्फ शेयर का एनालिसिस समझते हैं, पर ऐसा नहीं हैं, एक प्रॉपर फ़ण्डामेंट एनालिसिस में, शेयर एनालिसिस से पहले आपको कई और फैक्टर्स देखने होते हैं, और इसे आप दो तरीको से देख सकते हैं।

A proper fundamental analysis approach:

  1. Top-to-down approach: sector analysis-> stock analysis.
  2. Down-to-top approach: stock analysis-> sector analysis.

आप इस दोनों तरीको से शेयर का फंडामेंटल एनालिसिस कर सकते हैं, पर जो बेस्ट तरीका हैं, और जो स्मार्ट इन्वेस्टर, एक्सपर्ट भी करते हैं, वो हैं top-to-down एप्रोच, इसमें सबसे पहले आप उस शेयर के सेक्टर का एनालिसिस करते हैं फिर बाद में शेयर का फंडामेंटल एनालिसिस।

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5 step guide फंडामेंटल एनालिसिस के लिए ।

Step 1 sector analysis.

दोस्तों, आपको बता दे की किसी शेयर के एनालिसिस से पहले, सेक्टर का एनालिसिस करना बहुत ही आवश्यक हैं, इससे आप सेक्टर के कम्पटीशन, और oppertunities के बारे में जान पाएंगे, क्युकी अगर आप किसी ऐसे सेक्टर में निवेश करते हैं, जो की ख़तम होने वाला हैं, और आप उस सेक्टर के सबसे अच्छी शेयर में भी अगर निवेश करते हैं तो भी आपको नुक्सान होगा, क्युकी अगर सेक्टर ही नहीं ग्रो होगा तो शेयर तो गिरेगा ही।

उदाहरण, के लिए आज के समय में oil & gas सेक्टर धीरे-धीरे ख़तम हो रहा हैं, और उसके बदले रिन्यूएबल सेक्टर बढ़ रहा हैं, क्युकी oil & gas एक non-renewable सेक्टर हैं, मतलब यह चीजे हमारे पास एक लिमिट तक ही हैं, और समय के साथ-साथ ख़तम हो जायेगा। इसीलिए ऐसे सेक्टर में निवेश करे जो की एक ग्रोत सेक्टर हैं।

आपको बता दें की ONGC और Reliance industries का बिज़नेस एक ही हैं, पर ऊपर दिए गए चार्ट में हम देख सकते हैं की ONGC ने 2007-2024 तक कोई रिटर्न नहीं दिया, और Reliance industries ने भी 2007-2017 तक कोई रिटर्न नहीं दिया था। पर 2017 के बाद reliance का ग्राफ ऊपर की ओर हैं, और उसे 481% का रिटर्न भी दिया हैं।

ऐसा इसलिए हैं क्युकी यह दोनों कंपनी oil & gas सेक्टर में काम करता हैं, पर 2017 में रिलायंस ने JIO लांच किया, जो की एक डिजिटल सेक्टर का प्रोडक्ट है, जिसके चलते आज रिलायंस इंडस्ट्रीज अच्छे प्रॉफिट दे रहा हैं, अगर 2017 में JIO नहीं आता तो आज रिलायंस का भी हाल ONGC जैसा होता, इसीलिए शेयर एनालिसिस से पहले सेक्टर एनालिसिस करना बहुत जरूरी हैं।

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Step 2 Business analysis.

दोस्तों, अगर आप एक अच्छा स्केटर ढूंढ लेते हैं, तो अब आपको उस सेक्टर में एक अच्छे शेयर को ढूंढ़ना होगा, और उसका बिज़नेस एनालिसिस करना होगा। बिज़नेस एनालिसिस करने से आपको यह पता चलेगा की कंपनी के पास अपने सेक्टर के अन्य कंपनी से ज्यादा एडवांटेज हैं या नहीं, और कंपनी आगे कितना ग्रो कर सकता हैं। किसी कंपनी का बिज़नेस अनलिसीसी आप 4 स्टेप्स में कर सकते हैं।

1.Company strength:

उदाहरण देखे तो Nestle India Ltd. का मूल बिज़नेस हैं baby food और हेल्थ केयर, और जैसे की आपको पता हैं, की Section 3 (c) of IMS एक्ट के तहत, भारत में baby foods का advertisement करना मना हैं इसीलिए, इस बिज़नेस में और कोई बड़ा कंपनी आ नहीं सकता, और इसी तरह कई सालो से Nestle ने इस सेगमेंट में मोनोपोली बनाये हुआ है, और दूसरे कंपनी से ज्यादा एडवांटेज इसके पास है, तो यह इस कंपनी का एक स्ट्रेंथ है जो इसे दूसरे कंपनी से अलग और ज्यादा प्रॉफिटेबल बनाता है।

इसी तरह से आप कोई अच्छा शेयर ले भी लेते हैं, तो आपको उतना ज्यादा प्रॉफिट नहीं होगा, इसीलिए शेयर का बिज़नेस एनालिसिस करना बहुत जरूरी हैं, आपको देखना पड़ेगा की कंपनी के बिज़नेस को आगे चलकर कोई खतरा तो नहीं हैं, कंपनी के फ्यूचर प्लान्स क्या हैं, कंपनी अपने बिज़नेस को लेकर कितना सीरियस हैं, यही सब बाते आपको बिज़नेस एनालिसिस करके देखना होगा।

2.Company weakness:

उदहारण के तौर पर हम बैंक सेक्टर के शेयर्स को ले सकते हैं, क्युकी कोई भी बैंक शेयर कितना भी अच्छा क्यों न हो उसमे हमेशा एक रिस्क फैक्टर रहता हैं, और वो है NPA(non performing assets) अगर कोई बैंक किसी कंपनी को लोन देता हैं, और वह कंपनी सही समय पर अपना लोन बैंक को नहीं वापिस करता तो वह लोन अमाउंट बैंक के लिए NPA हो जाता हैं, मतलब वो पैसा वापिस आने के चान्सेस बहुत कम हैं।

उदहारण के लिए आप YES बैंक को देख सकते हैं, एक समय में यह बैंक भारत के टॉप लिस्ट में आता था, फिर 2018 में यस बैंक का फ्रॉड सामने आया जिसमे देखा गया की बैंक के बहुत सारे लोन NPA हो चूका था, जिसके चलते 2018 में यस बैंक का शेयर सीधा क्रैश कर गया और निवेशकों को ले डूबा।

3.Company oppertunities :

उदहारण के लिए हम Parag milk foods के शेयर को देखे तो, यह FMCG सेक्टर का कंपनी हैं जो की मिल्क प्रोडक्ट्स बनाता हैं, अब इस सेक्टर में इससे बड़े-बड़े ब्रांड्स हैं, जैसे AMUL, Mother dairy , Nestle dairy . इन सब ब्रांड्स के मुकाबले PARAG milk foods कुछ भी नहीं हैं।

पर इसके पास एक अच्छा मौका हैं मार्किट लीडर बनने का, क्युकी सिर्फ पराग मिल्क फूड्स ही एक ऐसा कंपनी हैं, जो WHEY Protein बनाता हैं, और इसका खुद का whey manufacturing plant है, जहा प्रोटीन बनने से लेकर बेचने तक सब कुछ भारत में होता हैं, जिसके कारन मिलावट की कोई चांस नहीं हैं, वही दूसरे ब्रांड whey प्रोटीन बिदेश से इम्पोर्ट करते हैं, जिसमे मिलावट हो सकते हैं। इसी तरह इस कंपनी के पास एक मौका हैं मार्किट लीडर बनने का।

4.company threat.

दोस्तों, एक कंपनी में खतरा बहुत तरह के हो सकते हैं, जैसे मैनेजमेंट का ख़राब होना, बाज़ार में होने वाले चंगेस को न अपनाना, जैसे हम देखे तो NOKIA पहले बहुत बड़ी कंपनी हुआ करता था, पर उसमे अपने टेक्नोलॉजी को नहीं बदला और, SAMSUNG और APPLE जैसे ब्रांड्स मार्किट में आये और NOKIA का बिज़नेस खा गया।

और भी खतरा हो सकता है जैसे अपने बिज़नेस को Evolve न करना, जिसका उदहारण हम पहले पढ़ चुके हैं, ONGC , Reliance industries.

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Step 3 Management analysis

दोस्तों, आपको बता दें की किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले उस कंपनी के मैनेजमेंट की जांच बहुत ही आवश्यक हैं, कंपनी का मैनेजमेंट देखने से आपको यह पता चलेगा की कंपनी के CEO या मैनेजर कितने पढ़े लिखे हैं, और उन्हें अपने बिज़नेस के सेक्टर पर कितना एक्सपीरियंस हैं, कंपनी का मैनेजमेंट जितना अच्छा होगा, कंपनी के फ्यूचर में ग्रो होने के चान्सेस उतना ने ही ज्यादा होंगे।

कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में आप उनके फाइनेंसियल रिपोर्ट में पढ़ सकते हैं, या फिर कंपनी के वेबसाइट में जाकर भी पढ़ सकते हैं, आप कमपनी के CEO का इंटरव्यू देखर भी पता लगा सकते हैं की कंपनी का मैनेजमेंट कैसा हैं, इसके अलावा आपको यह भी देखना हैं की कंपनी ने निवेशकों का पैसा खा गया हैं। जैसे YES बैंक, DHFL(दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ), सत्यम कम्प्यूटर्स,और भी बहुत सारे।

कंपनी का फ्रॉड देखने के लिए आप GOOGLE में कंपनी का नाम लिखकर फ्रॉड लिख दो आपको दिख जायेगा।

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Step 4 Fundamental analysis

दोस्तों, अब इस स्टेप में आपको कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करना होगा, फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए आपको कंपनी के annual report(वार्षिक रिपोर्ट), quarterly report(तिमाही रिपोर्ट) को पड़ना होगा। इस रिपोर्ट को पढ़कर आप कंपनी के बारे में सबकुछ जान सकेंगे, जैसे की कंपनी ने पुरे साल में कितना बिज़नेस किया, कितना लाभ हुआ और, कितना लॉस हुआ, कंपनी के फ्यूचर प्लान क्या क्या हैं, कंपनी का सालाना सेल्स कितना हुआ, इत्यादि, आपको सबकुछ उस रिपोर्ट में मिलेगा।

कंपनी का रिपोर्ट आप NSE, BSE या फिर कंपनी के ऑफिसियल वेबसाइट में जाकर पड़ सकते हैं।

कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करते वक़्त रिपोर्ट में आपको जो जरूरी चीजे देखने होते है वो कुछ इस प्रकार है:

1.Marke cap.

दोस्तों, सबसे पहले आपको कंपनी का मार्किट कैप देखना होगा, इससे आपको यह पता चलेगा की कंपनी कितना बड़ा, या कितना छोटा हैं, आपको बता दें की कंपनी जितना बड़ा होगा आपका रिस्क उतना ही कम होगा, साथ ही साथ रिटर्न भी कम होगा। वही दूसरे तरफ सौंपने का मार्किट कैप जितना छोटा होगा, कंपनी में आपके पैसे का रिस्क उतना ही ज्यादा होगा, पर ऐसे छोटे मार्किट कैप कंपनी में आपको रिटर्न ज्यादा मिलेगा। read more…

2.Return on equity.

दोस्तों, ROE से आप यह पता कर सकते हैं की कंपनी अपने शेयर होल्डर्स के पैसो पर कितना रिटर्न कमा रहा हैं, आसान भाषा में समझे तो कंपनी आपके निवेश राशि पर कितना प्रॉफिट कमा रहा हैं, इसे ही हम ROE कहते हैं। 15% ROE एक अच्छा रिटर्न माना जाता है।(fundamental analysis in hindi)

3.Return on capital employed.

दोस्तों, ROCE से आप यह पता लगा सकते हैं की कंपनी अपने पुरे इन्वेस्टमेंट पर कितना रिटर्न कमा रहा हैं। जितना ज्यादा रिटर्न कंपनी बनाएगा आपको उतना ही ज्यादा प्रॉफिट होगा।

4.Debt to equity ratio.

दोस्तों, Debt to equity ratio से आप एक कंपनी के कर्ज के बारे में जान पाएंगे, कंपनी के पास कितना कर्ज हैं। आपको बता दे की Debt to equity ratio जितना कम होगा उतना ही अच्छा हैं।

5.Company sales.

दोस्तों, कंपनी के सेल्स को देखना बहुत ही ज़रूरी होता हैं, क्युकी एक बिज़नेस सेल्स करके ही पैसा कमाता हैं, बिना सेल्स किये कोई कंपनी ज्यादा दिन नहीं टिक पता, और आपको बता दें की साल दर साल कंपनी का सेल्स बढ़ना भी चाहिए, क्युकी जब सेल्स बढ़ेगा तभी कंपनी ज्यादा पैसा कमा पायेगा, और आपको भी ज्यादा रिटर्न मिलेगा।

6.Profit growth.

दोस्तों, आपको बता दें की सिर्फ सेल्स करने से काम नहीं चलने वाला, क्युकी ऐसे बहुत से कंपनी हैं जो सेल्स तो कर रहा हैं, पर सेल्स करने के बाद भी उनका प्रॉफिट नहीं बढ़ रहा हैं, और साथ ही साथ उनके खर्चे बढ़ रहे हैं, आपको बता दें की अगर कंपनी को प्रॉफिट ही नहीं होगा तो, कंपनी अपने बिज़नेस को आगे ग्रो नहीं कर पायेगा, और देखते ही देखते कंपनी बंद हो जायेगा।

7.Cash flow statement.

दोस्तों, Cash flow statement पढ़ कर आप किसी कंपनी के बारे में यह पता लगा सकते हैं की कंपनी अपना पैसा कहा खर्च कर रहा हैं, कंपनी के पास कितना पैसा बच रहा हैं, आपको बता दें की कंपनी के पास जितना ज्यादा कैश होगा, कंपनी उतने ही अच्छे से ग्रो कर पायेगा।

8.Holdings.

आपको, कंपनी का होल्डिंग भी देखना चाहिए की प्रमोटर्स, FII, DII, के पास कितना होल्डिंग हैं, ऐसे तो कंपनी में प्रमोटर्स का होल्डिंग ज्यादा होना अच्छा माना जाता हैं, पर कई बार यह एक ख़राब संकेत भी होता हैं, क्युकी बहुत से कंपनी में होल्डिंग को लेकर फ्रॉड्स भी होता है, और हम जैसे निवेशक इस चक्कर में अपना पैसा गवाह देते हैं।

Step 5 Valuation analysis

दोस्तों, मान लेते हैं की आपने सबकुछ अच्छे से देखकर, एक अच्छा शेयर खरीद लिए, पर फिर भी आपको लॉस हो सकता हैं, क्यों की आपने वैल्यूएशन एनालिसिस तो किया ही नहीं, हो सकता हैं आपने एक अच्छे शेयर को बहुत ही ज्यादा मूलय में खरीद लिया हो, और आपके शेयर खरीदने के बाद शेयर प्राइस गिर जाये और ,आपको नुक्सान हो जाये। इसीलिए कंपनी का वैल्यूएशन एनालिसिस करना बहुत ही आवश्यक हैं। इससे आपको यह पता चलेगा की किसी शेयर को कब ख़रीदे और बेचे।

कंपनी का वैल्यूएशन एनालिसिस करने के लिए आपको इन सब फैक्टर्स को देखना होता हैं।

1. P.E Ratio.

P.E ratio(percentage earning ratio) से आप यह पता कर सकते हैं की कंपनी कितना महंगा बिक रहा हैं, अगर आप कंपनी को ज्यादा मूलय में खरीद लेते हैं, और आगे चलकर शेयर प्राइस गिरता है, तो आपको नुक्सान होगा। इसीलिए पे रेश्यो का पता होना बहुत ही ज़रूरी हैं। (fundamental analysis in hindi)

2. P.B Ratio.

दोस्तों, P.B Ratio से आप यह पता कर सकते हैं की कोई कंपनी अपने असली मूलय से कितना जयदा या कम में बिक रहा हैं, मतलब कंपनी का असली मूलय क्या हैं, और कंपनी बाज़ार में कितने मूलय पर बिक रहा हैं, आपको बता दें की बाज़ार में कंपनी के शेयर्स अपने असली मूलय से ज्यादा, या फिर कम में बिक सकता हैं।

3. PEG ratio.

दोस्तों, अगर आप स्मार्ट इन्वेस्टर बनके, लॉन्ग टर्म निवेश करना चाहते है तो आपको PEG Ratio को देखना बहुत ही ज़रूरी हो जाता हैं, PEG Ratio से आप यह पता कर सकते हैं की किसी कंपनी के शेयर भविष्य में कितने ज्यादा बढ़ सकता हैं, या कितना ज्यादा रिटर्न दे सकता हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों, फंडामेंटल एनालिसिस इन हिंदी इस लेख में हमने देखा की कैसे आप एक एक्सपर्ट की तरह फंडामेंटल एनालिसिस कर सकते हैं। आपको बता दें की अगर आप एक अच्छे शेयर को चुनकर उसमे लम्बे समय के लिए निवेश करते हैं, तो आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता हैं, और इसके लिए आपको फंडामेंटल एनालिसिस सीखना होगा। फंडामेंटल एनालिसिस में सबकुछ आता हैं, सबसे पहले आपको सेक्टर एनालिसिस करना होगा फिर शेयर के फंडामेंटल्स को समझना होगा, इससे आपको एक अच्छे शेयर चुनने में आसानी होगा।

ऊपर लिखा गया लेख सिर्फ पड़ने के लिए लिखा गया हैं, आप इस लेख से सिख सकते हैं, पर कोई निवेश निर्णय न ले आपको नुक्सान हो सकता है। निवेश से पहले अपने वित्य सलाहकार की मदद जरूर ले।

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One Comment

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